Uv PVC Marble Sheets || मार्बल से भी सस्ती || एक कमरे में कितना खर्च आएगा || PVC Wall Marble Sheet
पहले जो दीवारें थीं उनको खूबसूरत दिखाने के लिए हम उनके ऊपर प्लास्टर करते थे | फिर अच्छा सा पेंट करवातें थे | पर आजकल दीवारें जो है वो सिर्फ पेंट के भरोसे पे नहीं है बल्कि दीवारों को खूबसूरत दिखाने के लिए लोग आजकल उनके ऊपर अलग अलग टाइप के पैनल का इस्तेमाल करते हैं | जिनसे उनकी दीवार का लुक एकदम नया दिखाई देता है | ये चमचमाती हुई दीवारें बहुत ही हाई एंड दिखाई देती है | इन पैनल की वजह से आपके घर का लुक जो है वो अल्ट्रा मॉडर्न दिखाई देता है और वो भी कम दाम में | दोस्तों अगर आप चाहते हो आपकी दीवार को मार्बल की तरह फिनिशिंग मिले पर मार्बल जितना खर्चा नहीं चाहते हैं तो आपके लिए पेश है यूपीवीसी मार्बल शिट | जो की आज कल बहुत ही ज्यादा ट्रेंड में है | इन पैनल की वजह से आप की दीवार की मार्बल की तरह फिनिशिंग तो आती है साथ में एक ग्लॉसी लुक भी आप की दीवार को मिल पाता है| तो आज हम ये जानेगे की यूवी पीवीसी पैनल आखिर क्या होता है,| इसे लगवाने के क्या फायदे होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण चीज़ आखिर इसे लगवाने का खर्च कितना आता है | तो इन सभी चीजों के बारे में हम इस वीडियो में जाएंगे तो वीडियो को पूरा जरूर देखें | चैनल पर अगर आप लोग नए आये हो तो चैनल को जरूर सब्सक्राइब कर लीजिये | साधारणतह यूवी पीवीसी पैनल एक पैनल का टाइप होता है जिसमे की पॉलीविनिल क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है | और उसकी जो ऊपरी लेयर है, उसके ऊपर अल्ट्रावायलेट का एक प्रोटेक्शन लेयर दिया जाता है| अब ये जो कोटिंग होती है ये पैनल को सूरज की जो हानिकारक किरणे होती है उन से बचाती है साथ में इसकी वजह से पैनल का जो कलर है वो आगे चलकर फीका नहीं होता है | ये जो यूवी पीवीसी मार्बल शीट होते हैं, इनका इस्तेमाल आप वॉल क्लैडिंग के लिए एक काउंटर टॉप के लिए यहाँ तक की फ्लोरिंग के लिए भी लोग इस्तेमाल कर सकते है | जहाँ तक बात आती है इन पैनल की तो ये पैनल आपको आठ फिट बाय चार फिट के साइज़ में अवेलेबल होते हैं | जिनमें की आपका बत्तीस स्क्वेयर फिट एरिया कवर हो जाता है | और इसकी थिकनेस आपको एक MM से लेकर तीन MM तक मीलती है | हालांकि अच्छी कंपनी के जो पैनल है, वो आपको तीन एमएम थिकनेस वाले मिल जाते हैं| ये जो यूवी पीवीसी पैनल होते हैं इनके कुछ अडवांटेज होते है, जैसे की ये बहुत ही टिकाऊ होते हैं ये जो पैनल होते हैं इनके ऊपर टर्माइट का असर नहीं होता है | ये अच्छे हिट रेजिस्टेंट होते हैं साथ में इनके ऊपर पानी का भी कोई असर नहीं होता है| ये जो यूवी पीवीसी पैनल होते हैं इनकी अगली विशेषता ये है की ये बहुत ही लो मेंटेनेंस होते हैं | इन्हें क्लीनिंग करना बहुत ही आसान होता है| पानी की मदद से आप इन्हें वीज़्ली क्लीन कर सकते हो | साथ में इनके ऊपर किसी प्रकार की वैक्सीन या फिर पेन्टिंग करने की आवश्यकता नहीं होती है| इन्हीं कारणों की वजह से ये बहुत ही ज्यादा लो मेन्टेन्स माने जाते हैं | साथ में इनके ऊपर आपको अलग अलग तरह के टेक्सचर मिलते हैं| जैसे कि मार्बल फिनिश तो आपको मीलती है | साथ में वुडेन फिनिश भी आपको इन पैनल के ऊपर अवेलेबल होती है| यानी की डिजाइन में भी आपको बहुत सारे टाइप की वैराइटी मीलती है| हालांकि यहाँ पर मार्बल की जो डिजाइन है उनका ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है, जो कि बहुत ही ट्रेंड में है | तो इन सभी चीजों के बाद सवाल ये आ जाता है की आखिर इसे लगवाने के लिए कितना खर्च आ सकता है तो इसके लिए हम एक उदाहरण लेंगे जिसमे की हम दस फिट बाय दस फ़ीट की दिवार लेंगे और उसे इन पैनल को लगवाने के लिए कितना खर्च आएगा ये निकालेंगे | और उसके बाद हम ये जान लेंगे की आखिर पर स्क्वायर फिट कितना कॉस्ट आ सकता है | आपको अब यहाँ पर ये जो कॉस्ट हम निकलने वाले हैं इसमें सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती है की आपको जो शीट मिलने वाले हैं, आखिर उनका कॉस्ट क्या है | मार्केट में वैसे ढ़ाई हज़ार से लेके चार हज़ार रुपए तक के पैनल्स अवेलेबल है तो अगर आप ढ़ाई हज़ार वाला पैनल इस्तेमाल करेंगे तो आपको खर्च थोड़ा सा कम आएगा | चार हज़ार वाला इस्तमाल करेंगे तो खर्चा आपको ज्यादा आएगा | तो यहाँ पर उदहारण में जो पैनल हम इस्तेमाल करेंगे, उसका कॉस्ट हम तीन हज़ार रुपए तक मानेंगे तो जैसे की मैंने आपसे कहा की तीन हज़ार रुपए को एक पैनल आता है और जिसका की साइज होता है आठ फिट बाय चार फिट यानी की बत्तीस स्क्वेयर फिट एरिया उसमें कवर हो जाता है | तो अगर हमारी दस फ़ीट बाय दस फिट की वॉल है तो उसका स्क्वेर फ़ीट निकलने के बाद हमें उसे डिवाइड करना पड़ेगा बत्तीस से तो हमे ये पता चलेगा कि हमें कितने पैनल लगने वाले हैं तो हमारा दिवार का साइज है दस फ़ीट बाय दस फ़ीट तो आ जाता है सौ स्क्वेयर फिट और एक पैनल जो है हमारा बत्तीस स्क्वेयर फिट एरिया कवर करता है| तो सौ डिवाइड बाय बत्तीस इक्वल टु आ जाता है तीन पॉइंट एक सो पचीस यानी की इतने पैनल हमे लगने वाले हैं| अब यहाँ पर होता यही है की आपको इस तरह से आधे घटे हुए पैनल नहीं मिलते हैं पूरे आपको चार पैनल लेने पड़ेंगे | और एक पैनल का जो कॉस्ट है वो तीन हज़ार रुपए है | तो तीन हज़ार मल्टीप्लायी चार इज इक्वल टु आ जाता है बारह हज़ार रुपए यानी की जो पैनल है उनका कॉस्ट हमें बारह हज़ार रुपए आ चुका है | उसके बाद बारी आ जाती है | लेबर चार्ज की तो यहाँ पर हम ऐसा अस्यूम करेंगे की आपके एरिया में पंद्रह रुपये पर स्क्वायर फिट के हिसाब से लेबर चार्ज लिया जाता है,| तो हमारे वॉल का एरिया जो है वो सौ स्क्वेयर फिट है सौ मल्टीप्लाई पंद्रह चीज़ इक्वल टु आ जाता है पंद्रह सौ रुपए यानी की लेबर चार्ज हमें पंद्रह सौ रुपए तक आ जाएगा | उसके बाद में जो मोल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की यू एचसीएल इस तरह की जो मोल्डिंग इस्तेमाल की जाती है उसके लिए हम एक क्वांटेटिव कॉस्ट पकड़ के चलेंगे | जो की है छे सौ रुपए उसके बाद में आपको सिलिकॉन लगेगा, जिसका की कॉस्ट हम पांच सौ रुपए मान के चलेंगे तो अगर हम इन सभी कॉस्ट को जोड़ लेते हैं तो हमें चौदह हज़ार छे सौ रुपए तक खर्च आ चुका है | यानी की अगर हमारी दस बाय दस की दिवार है तक अब हमें चौदह हज़ार छे सौ रुपए तक खर्च आ सकता है| तो इस एग्जाम्पल की शुरुआत में जैसे की मैंने आपसे कहा था की ये टोटली डिपेंड करेगा कि आप पैनल कितने रुपए के लेने वाले हो आप मान के चल सकते हो की आपको दस हज़ार से लेके सोलह हज़ार रुपए तक खर्च आ सकता है| किसी दस बाय दस की बॉल को इनपैनल को लगवाने के लिए तो अगर हम स्क्वेयर फिट के हिसाब से देखें तो आपको सौ रुपए पर स्क्वायर फिट से लेके एक सौ साठ रुपये पर स्क्वायर फिट तक खर्चा जाता है| इन पैनल को लगवाने के लिए अब यहाँ पर आपका लेबर कॉस्ट, मटीरियल, कॉस्ट सभी चीजें ऐड की गई है अब इन पैनल को लगाने से पहले कुछ चीजें आप को ध्यान में रखना जरूरी है जैसे की इन पैनल को लगाने से चलिए | आपका सरफेस जो है वो स्मूथ होना चाहिए उसके ऊपर किसी भी प्रकार के नहीं होने चाहिए हालांकि जब आप फर्नीचर या फिर फ्लाइ के ऊपर जमीन पैनल को लगाते हो, ऐसे समय में वहाँ पर सर ऑफिस आपको क्लियर मिलता है हालांकि आपको ज्यादा तर ध्यान दीवारों के ऊपर देना पड़ता है क्योंकि दीवारें कभी कभी बंद होती है या फिर होते हैं जिसकी वजह से इनिशिएट को फिटिंग करना बहुत ही डिफिकल्ट हो जाता है और प्रॉपर फिटिंग नहीं हो पाती है हालांकि किसी से भरी दीवार के ऊपर आप इन पैनल को लगाने के बारे में सोच रहे हो तो पहले आपको उस का समाधान ढूंढना चाहिए| जब पूरी तरह से रुक जाएगी, तब जाकर आप इन पैनल को लगाओगे तो आगे चलकर भविष्य में आपको कोई भी दिक्कत नहीं होगी |