दीवारों पर मिट्टी का प्लास्टर है फायदेमंद || गर्मी में कूलर बना देगा आपके घर को
अपनी बिल्डिंग में एक्सटेंशन का काम कर रहे हैं। भारत में घरों के अंदर और बाहर प्लास्टर के लिए सीमेंट का इस्तेमाल ही ज्यादा होता है, लेकिन बालकृष्ण ने एक फ्रेंडली विकल्प चुना है - जैविक सामग्रियों से बना गीली मिट्टी का उत्पाद। इसकी सतह गर्मी और उमस को कुदरत तौर पर सोख लेती है और उन्हें छोड़ भी देती है। नतीजा है एक स्थिर इंडोर तापमान, गर्म जलवायु से बड़ी राहत।
सीमेंट प्लास्टर बनाम मिट्टी का प्लास्टर:
सीमेंट प्लास्टर:
- दिन में गर्मी खींचता है और रात में छोड़ता है।
- अर्बन हीट आइलैंड प्रभाव पैदा करता है।
- ऊर्जा की खपत और जलवायु परिवर्तन में योगदान देता है।
मिट्टी का प्लास्टर:
- गर्मी को सोखता है और घर को ठंडा रखता है।
- प्राकृतिक और टिकाऊ सामग्री से बना है।
- ऊर्जा की खपत कम करता है।
- मिट्टी का प्लास्टर कैसे बनता है:
सामग्री:
- जिप्सम
- गाय का गोबर
- मिट्टी
- गौं गोंड
- चुना
प्रक्रिया:
- सामग्री को तौलकर मिलाया जाता है।
- मिश्रण को पानी और मशीन में डाला जाता है।
- तैयार मिश्रण को 24 घंटे के लिए अलग रखा जाता है।
- मिश्रण को ईंटों के सांचे में डाला जाता है और एक हफ्ते तक धूप में सुखाया जाता है।
मिट्टी का प्लास्टर: लाभ:
- गर्मी से राहत:
- घर को ठंडा रखता है।
- गर्मी के मौसम में ऊर्जा की खपत कम करता है।
- पर्यावरण के अनुकूल:
- प्राकृतिक और टिकाऊ सामग्री से बना है।
- कार्बन उत्सर्जन कम करता है।
- स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद:
- हवा को शुद्ध करता है।
- एलर्जी और अस्थमा के खतरे को कम करता है।
मिट्टी का प्लास्टर: भविष्य का निर्माण:
भारत में बढ़ती आबादी और शहरीकरण के साथ, टिकाऊ निर्माण सामग्री की आवश्यकता बढ़ रही है।
मिट्टी का प्लास्टर एक बेहतरीन विकल्प है जो गर्मी से राहत, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
सरकार और निर्माण उद्योग को मिट्टी के प्लास्टर जैसे विकल्पों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
मिट्टी का प्लास्टर एक प्राचीन तकनीक है जो आज भी प्रासंगिक है। यह गर्मी से राहत, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। भविष्य में, मिट्टी का प्लास्टर टिकाऊ निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।